इन्हें देश से क्या मतलब!
इन्हें देश से क्या मतलब
इन्हें तो मज़हब
बीच में लाना था,
जनता में फूट डाल
सत्ता को बढ़ाना
था।
भांति-भांति भले ही रही हो यहाँ सरकार
सबने उठाई धर्म
की तलवार,
मज़बूत कर जात
पात की दीवार
तोड़ा बाबरी,
और किया संहार।
दुनिया आगे बढ़
रही
हमें अभी भी पहले
की पड़ी,
संसार पहुंचा मंगल पार
हमारा निपट रहा ना अयोध्या विवाद।
हमारा निपट रहा ना अयोध्या विवाद।
नई कोशिशें जारी
हैं
वोट के दिन भारी
है,
योगी जी नई योजना
में व्यस्त
मोदी जी क्या अब
भी देश विकास-कार्यरत?
कभी नाम
बदला
कभी जात को
बढ़ाया,
क्या इन सबसे से
हटा पाया
देश से गरीबी का साया?
देश से गरीबी का साया?
इलाहाबाद से
प्रयागराज कर
इतिहास का नया
ढोंग रचाया,
हनुमान को दलित
बताकर
देखो नया बवाल
मचाया।
फिर खेले जाएंगे
दाव,
कभी ब्राह्मण कभी
दलित
भगवान भी इनकी
सियासी गणित।
ईश्वर को ना
छोड़ा जिन्होंने
वो जनता के क्या सगे
बनेंगे,
जन-जन को भ्रमित
कर
उन्हीं का पैसा
होशियारी से लूटेंगे।
सबको देखा,
सबको मापा
हमने शासन के
तराज़ू पर,
कोई नहीं यहां
हमारा
जो दृढ़ हो
कल्याण के इरादों पर।
धर्म जाती पर प्रभाव
यह खेल चलेगा सालों साल,
पर इन्हें देश से
क्या मतलब
इन्हें तो चाहिए सत्ता बेमिसाल !
शानदार। पड़के बहूत अच्छा लगा
ReplyDeleteशुक्रिया 😊
Deleteअभी तक तो जनता को लूटा था पर अब तो रिज़र्व बैंक को लूटने की तैयारी हो रही है । मोदी जी क्या हम लोगो के पैसो से पेट नही भरा आपका ?
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